Thursday, December 16, 2010

नकदी की कमी से उबरने के लिए 48,000 करोड़: रिजर्व बैंक

नकदी की तंगी से जूझ रहे बैंकिंग तंत्र को सहारा देते हुये रिजर्व बैंक ने अगले एक महीने में खुले बाजार से सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद कर 48,000 करोड़ रुपये की नकदी तंत्र में छोड़ने की गुरुवार को घोषणा की। हालांकि, बैंक ने एक बार फिर महंगाई के प्रति सचेत भी किया है।
मुद्रास्फीति घटकर पिछले 11 महीनों के न्यूनतम स्तर पर आ चुकी है। नवंबर में यह एक महीने पहले के 8. 58 प्रतिशत से घटकर 7. 48 प्रतिशत रह गई। लेकिन रिजर्व बैंक ने कहा है कि बढ़ती मांग और विश्व बाजार में उपभोक्ता वस्तुओं की ऊ़ची कीमतों के चलते मुद्रास्फीति अभी भी बडी चिंता बनी हुई है।


रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन बैंकों में अतिरिक्त नकदी उपलब्ध कराने के लिये उनके सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) को 25 से घटाकर 24 प्रतिशत कर दिया। रेपो दर 6.25 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर 5.25 प्रतिशत पर स्थिर रखी गई है। आरक्षित नकद अनुपात (सीआरआर) को भी 6 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। रिजर्व बैंक के इस कदम से ज्यादातर बैंक अपनी ब्याज दरों में वृद्धि के निर्णय पर अमल रोक सकते हैं।
                                           
मौद्रिक नीति समीक्षा में किये गये उपायों को शेयर बाजार ने हल्के में लिया है। मुंबई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक मौद्रिक समीक्षा के बाद 50 अंक नीचे चल रहा था। बैंक, रीएल्टी कंपनियों के शेयरों में मिला जुला एख देखा गया। बाजार पर्यवेक्षकों ने कहा कि रिजर्व बैंक की घोषणायें कारोबारियों की उम्मीद के अनुएप हैं लेकिन वैश्विक संकेतों से सेंसेक्स नीचे आया है।
बैंकिंग तंत्र में नकदी बढ़ाने के रिजर्व बैंक के उपायों की घोषणा ऐसे दिन हुई है जब खाद्य मुद्रास्फीति जो कि दहाई से काफी नीचे आ गई थी वापस दहाई अंक के करीब पहुंच गई। गत चार दिसंबर को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति एक सप्ताह पहले के 8.69 प्रतिशत से बढ़कर 9.46 प्रतिशत हो गई। इसे देखते हुये केन्द्रीय बैंक ने सकल मुद्रास्फीति के मार्च अंत तक 5.5 प्रतिशत के अनुमान से उपर चले जाने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया है।
पेट्रोल के दाम बढ़ने से भी मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ सकता है। तेल कंपनियों ने कल ही पेट्रोल के दाम करीब तीन रुपये लीटर बढ़ाये हैं। फिलहाल सकल मुद्रास्फीति में गिरावट का रुख है। अक्तूबर में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित सकल मुद्रास्फीति 8.58 प्रतिशत रही थी वह नवंबर में घटकर 7.48 प्रतिशत रह गई।
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की जीडीपी वद्धि के अनुमान को 8.5 प्रतिशत पर यथावत रखा है। बैंक ने कहा है कि वह जीडीपी आंकडों के बारे में 25 जनवरी 2011 को होने वाली तीसरी तिमाही समीक्षा में विचार करेगा।
केन्द्रीय बैंक ने बैंकिंग तंत्र में नकदी की तंगी के लिये सरकार के खजाने में उपलब्ध नकदी को दोषी ठहराया है। कर और अग्रिम कर वसूली बढने, 3जी स्पेक्ट्रम नीलामी में उम्मीद से कहीं अधिक राशि मिलने और सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश से प्राप्त रकम से सरकारी खजाना लबालब है।
                           रिजर्व बैंक ने कहा है कि अगले एक महीने में 48,000 करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद कर वह बाजार में नकदी बढ़ायेगा। बैंक ने एसएलआर में भी एक प्रतिशत कटौती की है। बैंकों को एसएलआर के तहत अपनी जमा पूंजी का कुछ प्रतिशत सरकारी प्रतिभूतियों में, नकदी और सोने के तौर पर रखना होता है। रिजर्व बैंक ने इसे हिस्से को 25 से घटाकर 24 प्रतिशत कर दिया है।