नई दिल्ली. सितंबर के बाद हो सकता है कि आपको पैसे निकालने, जमा करने या फिर ट्रांसफर करने के लिए बैंकों में इंतजार या फिर एटीएम की लाइन में न लगना पड़े क्योंकि अब आपका मोबाइल ही बैंक एकाउंट होगा। आप मोबाइल पर ही ये सभी काम कर सकते हैं, और इसके लिए आपको किसी बैंक में परंपरागत एकाउंट खोलने की भी जरूरत नहीं है। फिर आपको बैंकों की दादागिरी भी नहीं झेलनी पड़ेगी क्योंकि इसमें न्यूनतम बैलेंस शून्य रखने की सुविधा है। बैंकों में न्यूनतम बैलेंस की 500 रुपयों से लेकर 10,000 रूपए तक की सीमा है। वर्तमान में भारत में मोबाइल यूजर्स की संख्या करीब 50 करोड़ है। और केंद्र सरकार ने इसी बढ़ते व्यवसाय का पूरी तरह से दोहन करने की योजना बनाई है।
केंद्र सरकार इस पूरी योजना को अंतिम रूप दे रही है। इस योजना के तहत मोबाइल सर्विस कंपनियों के जरिए आपका एक एकाउंट खोल जाएगा, और इसे मोबाइल से जोड़ा जाएगा। अभी योजना की तकनीक और नियंत्रण पर काम किया जा रहा है। फिर मोबाइल के जरिए इस एकाउंट में रखे धन को निकालकर दूसरे के नाम ट्रांसफर किया जा सकेगा। फिलहाल इसमें एक ट्रांजेक्शन पांच हजार रूपयों तक होगा औऱ महीने में इसकी सीमा 25,000 रुपए होगी। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम इस मामले में सरकार की मदद कर रहा है, जो मोबाइलों को बैंक एकाउंट से जोड़ने का काम करेगा। मोबाइलों के एकाउंट से जुड़ने के बाद, एक पहचान नंबर मिलेगा, जो कि एकाउंट ऑपरेट करने में मदद करेगा।
इस बारे में पहले कदम के रूप में सरकार ने करीब 72 हजार गांवों की पहचान की है, जिनकी जनसंख्या 2,000 से ज्यादा है। हालांकि योजना सितंबर से शुरू हो जाएगी और इन गांवों में मार्च 2012 तक पूरी तरह अमल में आ जाएगी। फिलहाल सरकार उड़ीसा प्रदेश पर ध्यान दे रही है, जहां मोबाइल कनेक्टिविटी 50 फीसदी से भी कम है। इससे मोबाइल कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी, जिससे मोबाइल बैंकिंग में आसानी होगी। इस एकाउंट में जमा पैसे पर सामान्य रूप से मिलने वाला ब्याज भी मिलेगा। बैंकों और एटीम के चक्कर नहीं लगाने होंगें।