नई दिल्ली नई टीम के खिलाफ भड़के असंतोष को देखते हुए भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने भूल-सुधार की कवायद शुरू कर दी है। सबसे ज्यादा प्रतिक्रिया बिहार के नेताओं में होने के चलते उन्होंने प्रदेश से दो वरिष्ठ नेता, राधामोहन सिंह व नंद किशोर यादव को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बतौर विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल कर लिया।बिहार की कथित अनदेखी पर खुलकर बयानबाजी के बाद वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी ठाुकर को उपाध्यक्ष बनाए जाने का संकेत है। राजस्थान से पार्टी के वरिष्ठ नेता ओम माथुर को भी उपाध्यक्ष बनाए जाने की प्रबल संभावना है। मालूम हो कि पदाधिकारी सूची में उपाध्यक्षों की दो जगह अभी खाली हैं। इसके अलावा पदाधिकारी बनने से चूके मध्य प्रदेश के सांसद अनिल माधव दवे को चुनाव प्रबंधन से जोड़कर केंद्र में जगह दी जा सकती है।
शुक्रवार को गडकरी ने पार्टी में उभर रहे बगावती सुरों पर कड़ा रुख अपनाते हुए नाराज नेताओं को मीडिया में बयानबाजी न करने की हिदायत दी थी। मगर पार्टी में बगावत और तेज हो गई। शनिवार को साफ हो गया कि बागी कुछ हद तक उन्हें झुकाने में कामयाब हुए हैं। शुक्रवार देर रात को भाजपा की वेबसाइट पर उपलब्ध कार्यकारिणी के विशेष आमंत्रित सूची में बिहार के राधामोहन सिंह व नंद किशोर यादव का नाम जोड़ दिया गया। सिंह अब तक प्रदेश के अध्यक्ष पर थे जबकि यादव प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री हैं। इस तरह विशेष आमंत्रितों की संख्या अब 38 हो गई है।
नई टीम को जातिगत व क्षेत्रीय रूप से असंतुलित बताने वाले सीपी ठाकुर को जल्द उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है। ठाकुर पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं और राजनीतिक स्प से अहम भूमिहार जाति के बड़े नेता माने जाते हैं। फिलहाल, टीम में बिहार से दो पदाधिकारी हैं और दोनों एक ही जाति से ताल्लुक रखते हैं।
उधर, राजस्थान भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ओम माथुर को भी बतौर उपाध्यक्ष शामिल किए जाने का संकेत है। फिलहाल, प्रदेश से वसुंधरा राजे महासचिव हें और किरण महेश्वरी सचिव।
एक और दिलचस्प संकेत मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद अनिल दवे को लेकर है। विशिष्ट सूत्रों के मुताबिक दवे को पदाधिकारी बनाने की संभावना थी मगर आखिरी दौर की चर्चा में वह चूक गए। लेकिन अब उन्हें चुनाव प्रबंधन के बहाने केंद्रीय टीम में शामिल करने का विचार हुआ है। पिछले महीने इंदौर में हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक में जलवायु परिवर्तन पर दवे के विशेष प्रजेंटेशन की काफी सराहना हुई थी।