Tuesday, March 23, 2010

शादी से पहले सेक्‍स अपराध नहीं : SC

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप और शादी से पहले दो वयस्कों के बीच आपसी सहमति से यौन संबंध कोई अपराध नहीं है। चीफ जस्टिस केजी बालकृष्णन की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच ने दक्षिण भारतीय अभिनेत्री खुशबू की विशेष अनुमति याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए यह व्यवस्था दी।
शीर्ष कोर्ट ने कहा, ‘जब दो वयस्क साथ रहना चाहते हों तो इसमें गलत क्या है। क्या यह कोई अपराध है?’ अदालत ने कहा, यहां तक कि पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान कृष्ण और राधा भी साथ-साथ रहते थे। बेंच ने कहा कि कोई भी कानून लिव-इन रिलेशनशिप और शादी से पहले सेक्स पर पाबंदी नहीं लगा सकता। खुशबू ने याचिका में अपने खिलाफ दायर 22 आपराधिक मामलों को खारिज करने की मांग की थी। ये मामले उनके द्वारा दिए गए इंटरव्यू में विवाह पूर्व यौन संबंध को जायज ठहराने के खिलाफ दायर किए गए थे।
बेंच ने कुछ याचिकाओं के लिए पैरवी करने वाले वकीलों से बार-बार कहा कि जान-बूझकर की गई अनैतिक गतिविधियों को अपराध की संज्ञा नहीं दी जा सकती। वकीलों का कहना था कि खुशबू द्वारा शादी से पहले सेक्स को मान्य किए जाने से युवाओं का नैतिक पतन होगा। इस पर बेंच ने कहा, ‘साथ रहना जीवन का अधिकार है। संविधान के अनुच्छेद 21 में स्वच्छंदता से जीने को मौलिक अधिकार माना गया है।’ बेंच ने खुशबू के बयान को उनके निजी विचार माना। खुशबू ने मद्रास हाईकोर्ट द्वारा उनकी याचिका को खारिज करने के खिलाफ अपील की थी।