Monday, August 16, 2010

देश का सबसे अमीर उद्योग घराना बना टाटा समूह

मुंबई। दशक के उद्योगपति (बिजनेसमैन ऑफ द डिकेड) का सम्मान पा चुके टाटा संस के अध्यक्ष रतन टाटा के उत्तराधिकारी की तलाश शुरू होने के साथ ही टाटा समूह देश का सबसे धनी उद्योग घराना बन गया है जिसका बाजार पूंजीकरण करीब 3,71,000 करोड रूपए है।

टाटा समूह के बाद मुकेश अंबानी की अगुवाई वाला रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह 3,21,750 करोड रूपए के बाजार पूंजीकरण के साथ दूसरे स्थान पर, जबकि अनिल अग्रवाल प्रवर्तित स्टरलाइट समूह 1,35,300 करोड रूपए के बाजार पूंजीकरण के साथ तीसरे स्थान पर है। वहीं दूसरी और 1,25,000 करोड रूपए के बाजार पंूजीकरण के साथ अनिल अंबानी समूह चौथे और सुनील मित्तल की अगुवाई वाला भारतीय समूह 1,20,500 करोड रूपए के बाजार पूंजीकरण के साथ पांचवें स्थान पर है। हालांकि, अगर मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के समूहों को एक कर दिया जाए तो टाटा समूह दूसरे पायदान पर आ जाएगा। दोनों अंबानी बंधुओं के समूहों का कुल बाजार पूंजीकरण करीब 4,47,000 करोड रूपए है और यह टाटा समूह के बाजार पूंजीकरण से करीब 77,000 करोड रूपये अधिक है। पिछली तिमाही (अप्रैल-जून 2010) तक टाटा गु्रप की कीमत 3,26,000 करोड रूपये थी और वह मुकेश अंबानी की रिलायंस के बाद दूसरा सबसे अमीर कारोबारी गु्रप था।
पिछली तिमाही तक सिर्फ दो सूचीबद्ध कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और रिलायंस इंडस्ट्रीज इंफ्रास्ट्रक्चर के पास ही 3,58,000 करोड रूपये की पूंजी थी, लेकिन मौजूदा तिमाही में अब तक इसमें 37,000 करोड रूपये की गिरावट आ चुकी है। जून में खत्म होने वाली तिमाही में सात सूचीबद्ध कंपनियों के साथ अनिल अंबानी ग्रुप का बाजार में पूंजी मूल्य 1,42,400 करोड रूपये था। वह मुकेश अंबानी और टाटा गु्रप के बाद देश का तीसरा सबसे अमीर कारोबारी गु्रप था, लेकिन शेयर बाजार के झोंके ने अनिल को अब चौथे पायदान पर खडा कर दिया है।
गौरतलब है कि टाटा संस के अध्यक्ष रतन टाटा दिसंबर 2012 में सेवानिवृत हो जाएंगे। टाटा समूह में अभी 98 कंपनी है। और उसका कुल कारोबार 71 अरब डॉलर है। पूरी दुनिया भर में फैली इन कंपनियों में 3,57,000 कर्मचारी है। इस समूह की स्थापना वर्ष 1868 में की गई थी। 72 वर्षीय टाटा वर्ष 2009 में फोब्र्स की दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों की सूची में 59वें पायदान पर थे।