अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह देश की बजाय विदेशों में व्यावासायिक काम करवा कर रोजगार के अवसर विदेश भेजने वाली अमेरिकी कंपनियों को कर में छूट देने के पक्ष में नहीं हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि ये रियायतें सिर्फ उन कंपनियों को मिलेंगी, जो देश के अंदर रोजगार सृजन करेंगी।
ओबामा ने यहां व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हमें विदेश में नौकरी देने वाली कंपनियों की कर रियायतें बंद कर देनी चाहिए। हमें उनको इतना प्रोत्साहन नहीं देना चाहिए। हमारा मानना है कि कर रियायतें सिर्फ उन कंपनियों को मिलनी चाहिए, जो अमेरिका में नौकरियां पैदा करें।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय आया है जब ओहियो राज्य के गवर्नर ने आउटसोर्सिंग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया है। इस घटनाक्रम को लेकर भारत में चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं क्योंकि यहां अमेरिका सहित कई देशों से आउटसोर्स किया जाने वाला काम किया जाता है।
ओबामा ने कहा कि हमे विश्वास है कि शिक्षा और स्वच्छ उर्जा, शोध और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश बढ़ने से अमेरिका वैश्विक स्तर पर ज्यादा प्रतिस्पर्धी बन कर उभरेगा। हम इसलिए इनमें निवेश कर रहें है।
भारत अपने कुल निर्यात राजस्व का 60 प्रतिशत अमेरिका से प्राप्त करने वाला भारतीय सूचना प्रौद्योगिक आईटी क्षेत्र की कंपनियां अमेरिका द्वारा आउटसोर्सिंग पर लगाये जा रहे प्रतिबंध का सशक्त विरोध कर रही है।