अल्मोड़ा : प्रदेश के राज्यपाल, दो-दो मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष की घोषणा 9 साल बाद भी फलीभूत न हो, यह लोकतांत्रिक व्यवस्था में शीर्ष संवैधानिक पदों के सम्मान पर सवाल खड़ा करने जैसी बात कही जा सकती है।
ऐसा ही कुछ हुआ अल्मोड़ा के लक्ष्मेश्वर स्थित डायट के खेल मैदान को मिनी स्टेडियम बनाने का हश्र। 26 मई 2001 को प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष केशरी नाथ त्रिपाठी की मौजूदगी में तत्कालीन नगरपालिका सदस्य बिट्टू कर्नाटक के आग्रह पर मिनी स्टेडियम बनाए जाने की घोषणा की। यह भी उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की कोई भी घोषणा किसी भी योजना की स्वीकृति के आदेश माने जाते हैं। लेकिन इसे दु:खद आश्चर्य ही कहा जाएगा कि 9 वर्षो से अधिक का समय प्रथम मुख्यमंत्री की घोषणा को बीत गया है, अब तक अमलीजामा उस योजना को नहीं पहनाया जा सका है। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा उस समय की थी जब पांडेखोला स्थित दीनदयाल पार्क में दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति का अनावरण हो रहा था। यही नहीं प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने भी डायट अल्मोड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम में बिट्टू कर्नाटक की मांग पर मिनी स्टेडियम बनाने की घोषणा को दोहराया। पूर्व राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला ने भी अपने अल्मोड़ा आगमन में लक्ष्मेश्वर स्थित खेल मैदान का अवलोकन किया। जिसमें मिनी स्टेडियम बनना था। उन्होंने भी आश्वस्त किया कि शीघ्र ही इसका निर्माण हो जाएगा। लेकिन इतने वर्ष बीतने व निरंतर पत्र व्यवहार के बावजूद भी मिनी स्टेडियम बनने की कोई प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हो सकी है। इस बाबत बिट्टू कर्नाटक ने पुन: जिलाधिकारी को पत्र भेजकर इस पर कार्रवाई करने की मांग की है। बाकायदा जिलाधिकारी ने मिनी स्टेडियम के लिए 90.06 लाख का आगणन बनाकर शासन को प्रेषित कर दिया है। लेकिन अभी तक इस विषय में सरकार से कोई हरी झंडी नहीं मिली है।वह रे उत्तराखंड.....