नई दिल्ली सांसदों के वेतन में तीन सौ फीसदी बढ़ोतरी के बावजूद नाखुश नेताओं को सरकार ने आश्वस्त किया है कि उनका वेतन अभी और बढ़ाया जाएगा।
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पिछले दो दिनों से सांसदों का वेतन सोलह हजार से बढ़ाकर पचास हजार रुपए किए जाने को नाकाफी बताकर लोकसभा में हंगामा करने और समानांतर संसद चलाने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, सपा प्रमुख मुलायम सिंह और बसपा नेता दारा सिंह चौहान को वित्त मंत्री और सदन के नेता प्रणब मुखर्जी ने वायदा किया कि वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक उनकी भावनाएं पहुंचाएंगे। हालांकि वित्त मंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कितनी बढ़ोतरी की जाएगी।
उधर, सरकार ने शोर-गुल में पारित मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया विधेयक पर चर्चा की मांग मान ली है। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि चर्चा नियम 193 के तहत होगी, अगर कोई अहम सुझाव आया तो उसे जोड़ने के लिए बिल में संशोधन किया जा सकता है। शुक्रवार को संसद में बवाल काटने के बाद लोकसभा की समांतर कार्यवाही चलाने वाले लालू, मुलायम और भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे से मुखर्जी ने शनिवार सुबह मुलाकात की।
लालू व मुलायम वेतन मुद्दे पर नाराज थे जबकि भाजपा की शिकायत थी कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया का विधेयक शोर-गुल में पारित क्यों कराया गया। इसके अलावा वित्त मंत्री से बैठक में राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली, जदयू प्रमुख शरद यादव और लोकसभा में बसपा के नेता दारा सिंह चौहान भी मौजूद थे।
प्रणब मुखर्जी ने वेतन मसले पर हंगामा करने वाले नेताआंे को दलील दी कि सरकार के लिए संयुक्त संसदीय समिति की हर सिफारिश मानना मुमकिन नहीं है। मालूम हो कि वेतन मसले पर गठित समिति ने सांसदों का वेतन अस्सी हजार एक रुपए करने का सुझाव दिया है। सांसद इसी सिफारिश को लागू किए जाने पर अड़े हैं। बैठक में मुखर्जी ने सभी की राय जाननी चाही मगर लालू, मुलायम समेत ज्यादातर नेताओं ने वेतन बढ़ाने की मांग दोहराई।
इसपर मुखर्जी ने आश्वस्त किया कि पीएम से चर्चा करेंगे और वेतन और बढ़ाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। मुखर्जी ने वेतन कितना बढ़ेगा, यह नहीं बताया मगर सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया है कि दस से पंद्रह हजार रुपए की बढ़त संभव है। हालांकि, यह भी समझा जा रहा है कि बढ़त वेतन में कम, भत्तों में ज्यादा होगी।
एमसीआई विधेयक शोर-गुल में पारित कराने को लेकर क्षुब्ध भाजपा व जदयू नेताओं को मुखर्जी ने कहा कि इस मुद्दे पर नियम 193 के तहत चर्चा की जा सकती है। उनका कहना था कि बिल पारित हो चुका है। मगर कोई अहम सुझाव आया तो अगले सत्र में दोबारा संशोधन करके इसे शामिल किया जा सकता है।
मुंडे ने मीडिया से कहा कि उनकी मांग मान ली गई, लिहाजा, समांतर संसद अब नहीं चलेगी। भाजपा सदस्यों की शिकायत है कि सरकार ने जानबूझकर हंगामे में यह बिल पारित करा दिया क्योंकि एमसीआई एक्ट में संशोधन काउंसिल की स्वायत्तता पूरी तरह खत्म करने वाला कदम है। भाजपा सांसदों ने बिल पास होने से पहले मतविभाजन की मांग भी की थी।
सांसदों की वेतन वृद्धि संबंधी मसले को सुलझा लिया गया है।