नई दिल्ली। चाकलेट बनाने वाली अमेरिकी कम्पनी स्काट जे वैन रिक्सेल ने भांग दि ओरिजिनल कैनबिस चाकलेट नाम से एक भांग वाली चाकलेट बनाने और भांग शब्द का ट्रेडमार्क हासिल करने की तैयारी की है। इस भांग वाली चॉकलेट को अमेरिका में बेचा जाएगा, लेकिन जल्दी ही इसे भारत भी लाया जा सकता है। भांग की भारत में पारंपरिक अहमियत है होली और शिवरात्रि पर यहां भांग पीने का चलन है और इसे भगवान भोलेनाथ का प्रसाद भी कहते है। इसे भांग के पौधे से बनाया जाता है पीने के अलावा चिलम या हुक्के के जरिए भी लोग भांग लेते है ओर यह नशीले पदार्थो की श्रेणी में आता है। चाकलेंट कंपनी ने भांग वाला चाकलेट सबसे पहले अमेरिका में और इसके बाद भारत में लांच करने की तैयारी की है। कंपनी की योजना शुरूआत में दो किस्म के भांग चाकलेटों की बिक्री करने की है और अगर उसे भारत में ये चाकलेट बेचने की स्वकृ ति मिलती है तो वह देश में लोगों को चाकलेट के जरिए भांग का मजा देगी। रिक्सेल ने इस नए उद्यम के लिए भांग चाकलेट कंपनी इंक नाम से एक कंपनी भी बनाई है और ब्रांड प्रमोशन के लिए वह टी-शर्ट और बेसबाल कैप जैसी चीजों की ब्रिकी कर रही है जिनपर भांग चाकलेट का लोगो लगा है।
जब उनसे भारत में चॉकलेट बेचने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, भांग को लेकर भारत में कानून क्या कहता है, उसमे मैं ज्यादा परिचित नही हूं लेकिन मै ऎसा करना चाहूंगा। रिक्सल अभी दो तरह की चॉकलेट बेचना चाहते है एक होगी टीएचसी फ्री टीएचसी यानी टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल भांग का यह हिस्सा होता है जिसकी वजह से नशा होता है दूसरी तरह की चॉकलेट ब्लैक लेबल होगी और इसमें टीएचसी की मात्रा ज्यादा होगी।